प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता है |
यह शहर गंगा, यमुन और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है, जो इसे एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाता है।
ऐतिहासिक महत्व
इलाहाबाद किला: अकबर द्वारा निर्मित यह किला संगम के पास स्थित है और इसमें मुग़ल वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण मिलता है। यहाँ अशोक स्तंभ और सरस्वती कूप भी हैं, जो पवित्र सरस्वती नदी के स्रोत के रूप में माने जाते हैं।
आनंद भवन: नेहरू-गांधी परिवार का ancestral घर आनंद भवन अब एक संग्रहालय बन चुका है, जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े कई ऐतिहासिक वस्त्र और स्मृतियाँ प्रदर्शित की जाती हैं।
ऑल सेंट्स कैथेड्रल: जिसे पत्थर गिरजा भी कहा जाता है, यह एक खूबसूरत गॉथिक शैली का गिरजाघर है, जिसे ब्रिटिश काल में बनवाया गया था।
धार्मिक महत्व
यह शहर त्रिवेणी संगम के लिए प्रसिद्ध है,
संगम: यह शहर त्रिवेणी संगम के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ गंगा, यमुन और काल्पनिक सरस्वती नदियाँ मिलती हैं। यह संगम हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थान माना जाता है, जहाँ लाखों तीर्थयात्री हर साल स्नान करने आते हैं ताकि वे अपने पापों से मुक्ति पा सकें।
कुम्भ मेला: प्रयागराज में कुम्भ मेला आयोजित होता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। यह मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और इसमें करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेते हैं। यह उत्सव धार्मिक आस्था, रैलियों, अनुष्ठानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक विशाल प्रदर्शनी है।
वास्तुकला और सांस्कृतिक स्थल
ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
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वास्तुकला और सांस्कृतिक स्थल
The Maha Kumbh Mela 2025 in Prayagraj historic festival
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प्रयागराज वास्तव में अद्वितीय है